परिकल्पना एवं उद्देश्य
‘तत्वम् पूसाना अपावर्तनु’ के आदर्श वाक्य को ध्यान में रखते हुए, यह विद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी के लिए प्रयास करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में उल्लिखित मिशनों के साथ एकजुट होकर, हम समग्र शिक्षण अनुभवों को प्राथमिकता देते हैं जो हमारे छात्रों को उनके व्यक्तिगत विकास और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देते हुए अकादमिक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाते हैं। इस संस्था का लक्ष्य छात्रों को तेजी से बदलती दुनिया में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण से लैस करना है। नवीन शिक्षण विधियों और आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करके, हम छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए तैयार करते हैं। हमारी दृष्टि के केंद्र में यह विश्वास है कि शिक्षा को न केवल दिमागों को समृद्ध करना चाहिए बल्कि दयालु दिलों और संलग्न दिमागों का भी पोषण करना चाहिए, जिससे व्यक्तियों और समाज में समान रूप से सकारात्मक परिवर्तन हो।
इसी दृष्टि से हमारा मिशन है
- शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना।
- स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करना और गति निर्धारित करना|
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आदि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा में प्रयोग और नवाचारों को शुरू करना और बढ़ावा देना।
- बच्चों में राष्ट्रीय एकता की भावना विकसित करना और “भारतीयता” की भावना पैदा करना।
- भारत सरकार के स्थानांतरणीय कर्मचारियों, अस्थायी आबादी और देश के दूरदराज और अविकसित स्थानों में रहने वाले लोगों सहित अन्य लोगों के बच्चों के लिए स्कूलों को प्रदान करना, स्थापित करना, समर्थन देना, रखरखाव, नियंत्रण और प्रबंधन करना, जिसे इसके बाद ‘केंद्रीय विद्यालय’ कहा जाएगा। स्कूलों में अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए आवश्यक सभी कार्य और चीजें करना।